
अर्थियन एवं पर्यावरण मित्र 2018 के टिकाऊ विकास के लिए शिक्षा कार्यक्रमों में भागीदारी करने के लिए आप आमंत्रित हैं।
कार्यक्रम के बारे में
अर्थियन एक सस्टेनेबिलिटी शिक्षण कार्यक्रम है जिसे सी.ई.ई के पर्यावरण मित्र परियोजना के साथ साझा सहयोग से लागू किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आपके विद्यालय में अधिक अर्थपूर्ण सस्टेनेबिलिटी शिक्षण, विषय के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराना और जीवन व शिक्षा के विभिन्न अन्र्तसंबंधों की समझ को विकसित करना है। यह विद्यालयों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को अपने जीवन और समाज को और अधिक जानने में मदद करेगा।
राष्ट्रीय स्तर पर अर्थियन पुरस्कार हेतु के आधार पर 10 सर्वश्रेष्ठ रिपोर्टों को चयनित किया जाएगा। पुरस्कृत स्कूल अगले तीन वर्षों तक लगातार इस कार्यक्रम से जुड़े रहेंगे। लम्बे समय तक कार्यक्रम से जुड़े रहने का उद्देश्य स्कूलों व उनके पाठ्यक्रम के द्वारा उनके छात्रों को टिकाऊ विकास की चुनौतियों को समझने व उनसे निपटने के लिए बेहतर ढंग से तैयार करने की क्षमता विकसित करना है।
जल एवं सस्टेनेबिलिटी
जल और जैव विविधता समस्त जीवन का आधार हैं। हम पानी की जरूरत लगभग हमारे सभी काम में होती हैं। पृथ्वी पर पानी की एक निश्चित मात्रा हैं, जिसमें ताजे पानी का हिस्सा मात्र 3% हैं। आप पहले से ही यह सब जानते हैं। आप शायद यह भी जानते होंगे कि दुनिया भर में हर किसी को पानी की समस्या का किसी एक या अन्य रूप में सामना करना पड़ रहा है उत्तराखंड में आई विनाशकारी बाढ़ अभूतपूर्व है, लेकिन इससे भी अधिक देश के कई भागों में बाढ़ एक आवर्ती घटना है जबकि कई अन्य भाग सूखा ग्रस्त हैं। कुछ स्थानों में, समस्या दूषित जल स्रोतों की हो सकती है। कहीं और, यह बहुत अधिक पानी की कीमतों की हो सकती है। कुछ स्थानों में, पानी बिलकुल नहीं है और लोगों को पानी के लिए कई किलोमीटर की दूरी चलना पड़ता है। अन्य जगहों पर, यह एक अव्यवस्थित और असमान पानी वितरण की समस्या हो सकती है । हमारी झीले प्रदूषित हो रहीं हैं और सूख रहीं हैं, खुले कुओं की संख्या तेजी से कम हो रहीं हैं, देश भर में सभी जगहों पर भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहीं हैं । निस्संदेह, इस स्थिति के लिए कोई त्वरित समाधान उपलब्ध नहीं है और यह स्पष्ट नहीं है कि कहाँ से शुरू करें। एक बात हम ऐसी स्थिति में यह कर सकते है कि पानी के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में सीखने से शुरुआत कर सकते है। अर्थियन गतिविधियां हमारे इलाके में पानी के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने के लिए तैयार कि गई हैं –हमारे स्कूलों के साथ शुरू करने के लिए – और इसे पारिस्थितिकी और समाज के अन्य पहलुओं के साथ जोड़कर समझते हुएं और साथ ही वैश्विक संदर्भ के साथ इसे जोड़ने से ।
जैवविविधता एवं सस्टेनेबिलिटी
पृथ्वी को ‘लिविंग प्लैनेट’ अथवा ऐसे ग्रह के रूप में जाना जाता है जिसपर जीवन फल-फूल रहा है। इस अनोखे ग्रह पर जीवन की विविधता यानी जैवविविधता पायी जाती है। जल की उपस्थिति जहां पृथ्वी को नीले ग्रह का नाम देती है वहीं जैवविविधता के कारण उसे लिविंग प्लैनेट कहा जाता है। जैवविविधता का हमारे जीवन में बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। पृथ्वी और जीवों के बीच का जटिल सम्बन्ध पारिस्थितिक तन्त्र बनाता है जो परिवर्तित होता रहता है। इन सम्बन्धो को जीवनजाल कहते हैं जो ध्यान से देखने पर समझ में आता है। असंख्य जीव जिनमें से कई ऐसे जीव भी है जिनपर किसी का ध्यान नहीं गया और जो अपने जीवन जीने के तरीके के कारण पृथ्वी पर विभिन्न सेवायें प्रदान करते है। उनकी उपस्थिति पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य एवं जीवन की विविधता को बनाये रखने में अनिवार्य है। अतः सस्टेनेबिलिटी एवं जैवविविधता में बेहद जटिल सम्बन्ध है। किसी एक भी ताने बाने का यदि तार टूटा तो उसका असर कैसा होगा?
कार्यक्रम में कैसे भाग लें
• अर्थियन कार्यक्रम भारत के सभी स्कूलों के कक्षा 7-12 के छात्रों के लिए है।
• प्रत्येक स्कूल से एक से अधिक टीमें इस कार्यक्रम में भाग ले सकती हैं।
• प्रत्येक टीम के साथ एक शिक्षक का होना अनिवार्य है, परन्तु इसका मुख्य प्रतिनिधित्व विद्यार्थी ही करेंगे।
• गतिविधियों की रिपोर्टिंग हेतु सुझाव कार्यक्रम विवरणिका (ब्रोषर) और गतिविधि पुस्तक में दिए गए हैं।
• स्कूलों का पुरस्कार के लिए चयन उनके द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा।
• कार्यक्रम के भाग ए की पांच अनिवार्य तथा 2 चयनात्मक गतिविधियां और भाग बी के निबंध को पूर्ण रूप से करने पर ही रिपोर्ट को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
• रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2018 है।
• यह रिपोर्ट विषय जल अंतर्गत पर्यावरण मित्र पुरस्कार 2018 के लिए मान्य होगी।
रिपोर्ट के बारे में
• रिपोर्ट अंग्रेजी या हिन्दी में जमा की जा सकती है।
• रिपोर्ट बनाने हेतु सुझाव कार्यक्रम विवरणिका (ब्रोषर) और गतिविधि पुस्तक में दिए गए हैं।
• रिपोर्ट में रचनात्मकता तथा विभिन्न प्रारूपों का प्रयोग भी किया जा सकता है।
• रिपोर्ट को 31 अक्टूबर 2018 के पहले डाक द्वारा अथवा ई मेल द्वारा भेजा जा सकता है।
• ईमेल के द्वारा भेजी जाने वाली रिपोर्ट word or pdf ( file size limit 2 mb) फाइल हो सकती है जिसके साथ केवल एक संलग्नक लगाया जा सकता है। संलग्नक के रूप में प्रस्तुतिकरण, विडियो आदि भेजा जा सकता है जिसे यू-ट्यूब अथवा यू सेन्ड इट के द्वारा लिंक भी दिया जा सकता है।
• राष्ट्रीय स्तर पर अर्थियन पुरस्कार हेतु मूल्यांकन मापदण्ड के आधार पर 10 सर्वश्रेष्ठ रिपोर्टों को चयनित किया जाएगा।
• यह रिपोर्ट विषय जल अंतर्गत पर्यावरण मित्र पुरस्कार 2018 के लिए मान्य होगी।
मूल्यांकन मापदण्ड
• रिपोर्ट में दिखाई गयी गतिविधियों को पूरा करने में यथार्थता तथा गतिविधियों से जुड़े आंकड़ो का संकलन और दूसरे प्रमाणों की उपलब्धता।
• गतिविधियों की रिपोर्टिंग में व्यापकता और रचनात्मकता एवं विभिन्न मुद्दों को देखने और उन्हें जोड़ने की योग्यता।
• आंकड़ों के प्रस्तुतिकरण के अतिरिक्त रिपोर्ट मंे दिखायी गई समस्या की सही समझ।
• दूसरे अन्य मुद्दों से जोड़कर टिकाऊ विकास को कैसे समझा गया है।
• क्या आपने भाग बी में लिए गए मुद्दों के विभिन्न पहलुओं को समझा है। इसे सोचें और सही तरीके से प्रस्तुत करें।
(उपरोक्त मानदण्ड केवल सूचक है व्यापक मापदण्ड नहीं। आप अपने ज्ञान और क्षमता के अनुसार व्यापक सोच के साथ कार्य करें व रिपोर्ट जमा करें।)
‘Wipro Earthian 2017 ', Congratulations to Winning Teams!
‘Earthian’ is nationwide initiative of wipro to deepen the sustainability education within schools and colleges across the country. Paryavaran Mitra is partnering the programme to strengthen the active pedagogy in schools across the country.
The programme aims to engage teams of students and faculties from schools in a set of activities to understand water and biodiversity themes in their local context and explore sustainability linkages.
The exemplar efforts from schools are recognized this year and six schools from CEE network successfully made it to the award.
This year, Schools across the country took active participation in the program and showed enthusiastic efforts towards sustainability education. Through the themes of water and biodiversity, teams of students and faculties from schools got engaged in a set of activities to understand this in their local context and explore sustainability linkages. In the water theme, water flow, wastage and quality on campus was studied in great detail by students. Plantation, bird nesting, understanding the local biodiversity, maintaining biodiversity registers were popular in the biodiversity theme. A total of 552 entries were received from schools for the award.
Winners at national level from Paryavaran Mitra network: 2017






अर्थियन एवं पर्यावरण मित्र 2017 के टिकाऊ विकास के लिए शिक्षा कार्यक्रमों में भागीदारी करने के लिए आप आमंत्रित हैं।
कार्यक्रम के बारे में
अर्थियन एक सस्टेनेबिलिटी शिक्षण कार्यक्रम है जिसे सी.ई.ई के पर्यावरण मित्र परियोजना के साथ साझा सहयोग से लागू किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आपके विद्यालय में अधिक अर्थपूर्ण सस्टेनेबिलिटी शिक्षण, विषय के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराना और जीवन व शिक्षा के विभिन्न अन्र्तसंबंधों की समझ को विकसित करना है। यह विद्यालयों, शिक्षकों और विद्यार्थियों को अपने जीवन और समाज को और अधिक जानने में मदद करेगा।
राष्ट्रीय स्तर पर अर्थियन पुरस्कार हेतु के आधार पर 10 सर्वश्रेष्ठ रिपोर्टों को चयनित किया जाएगा। पुरस्कृत स्कूल अगले तीन वर्षों तक लगातार इस कार्यक्रम से जुड़े रहेंगे। लम्बे समय तक कार्यक्रम से जुड़े रहने का उद्देश्य स्कूलों व उनके पाठ्यक्रम के द्वारा उनके छात्रों को टिकाऊ विकास की चुनौतियों को समझने व उनसे निपटने के लिए बेहतर ढंग से तैयार करने की क्षमता विकसित करना है।
जल एवं सस्टेनेबिलिटी
जल और जैव विविधता समस्त जीवन का आधार हैं। हम पानी की जरूरत लगभग हमारे सभी काम में होती हैं। पृथ्वी पर पानी की एक निश्चित मात्रा हैं, जिसमें ताजे पानी का हिस्सा मात्र 3% हैं। आप पहले से ही यह सब जानते हैं। आप शायद यह भी जानते होंगे कि दुनिया भर में हर किसी को पानी की समस्या का किसी एक या अन्य रूप में सामना करना पड़ रहा है उत्तराखंड में आई विनाशकारी बाढ़ अभूतपूर्व है, लेकिन इससे भी अधिक देश के कई भागों में बाढ़ एक आवर्ती घटना है जबकि कई अन्य भाग सूखा ग्रस्त हैं। कुछ स्थानों में, समस्या दूषित जल स्रोतों की हो सकती है। कहीं और, यह बहुत अधिक पानी की कीमतों की हो सकती है। कुछ स्थानों में, पानी बिलकुल नहीं है और लोगों को पानी के लिए कई किलोमीटर की दूरी चलना पड़ता है। अन्य जगहों पर, यह एक अव्यवस्थित और असमान पानी वितरण की समस्या हो सकती है । हमारी झीले प्रदूषित हो रहीं हैं और सूख रहीं हैं, खुले कुओं की संख्या तेजी से कम हो रहीं हैं, देश भर में सभी जगहों पर भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहीं हैं । निस्संदेह, इस स्थिति के लिए कोई त्वरित समाधान उपलब्ध नहीं है और यह स्पष्ट नहीं है कि कहाँ से शुरू करें। एक बात हम ऐसी स्थिति में यह कर सकते है कि पानी के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में सीखने से शुरुआत कर सकते है। अर्थियन गतिविधियां हमारे इलाके में पानी के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने के लिए तैयार कि गई हैं –हमारे स्कूलों के साथ शुरू करने के लिए – और इसे पारिस्थितिकी और समाज के अन्य पहलुओं के साथ जोड़कर समझते हुएं और साथ ही वैश्विक संदर्भ के साथ इसे जोड़ने से ।
जैवविविधता एवं सस्टेनेबिलिटी
पृथ्वी को ‘लिविंग प्लैनेट’ अथवा ऐसे ग्रह के रूप में जाना जाता है जिसपर जीवन फल-फूल रहा है। इस अनोखे ग्रह पर जीवन की विविधता यानी जैवविविधता पायी जाती है। जल की उपस्थिति जहां पृथ्वी को नीले ग्रह का नाम देती है वहीं जैवविविधता के कारण उसे लिविंग प्लैनेट कहा जाता है। जैवविविधता का हमारे जीवन में बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। पृथ्वी और जीवों के बीच का जटिल सम्बन्ध पारिस्थितिक तन्त्र बनाता है जो परिवर्तित होता रहता है। इन सम्बन्धो को जीवनजाल कहते हैं जो ध्यान से देखने पर समझ में आता है। असंख्य जीव जिनमें से कई ऐसे जीव भी है जिनपर किसी का ध्यान नहीं गया और जो अपने जीवन जीने के तरीके के कारण पृथ्वी पर विभिन्न सेवायें प्रदान करते है। उनकी उपस्थिति पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य एवं जीवन की विविधता को बनाये रखने में अनिवार्य है। अतः सस्टेनेबिलिटी एवं जैवविविधता में बेहद जटिल सम्बन्ध है। किसी एक भी ताने बाने का यदि तार टूटा तो उसका असर कैसा होगा?
कार्यक्रम में कैसे भाग लें
• अर्थियन कार्यक्रम भारत के सभी स्कूलों के कक्षा 7-12 के छात्रों के लिए है।
• प्रत्येक स्कूल से एक से अधिक टीमें इस कार्यक्रम में भाग ले सकती हैं।
• प्रत्येक टीम के साथ एक शिक्षक का होना अनिवार्य है, परन्तु इसका मुख्य प्रतिनिधित्व विद्यार्थी ही करेंगे।
• गतिविधियों की रिपोर्टिंग हेतु सुझाव कार्यक्रम विवरणिका (ब्रोषर) और गतिविधि पुस्तक में दिए गए हैं।
• स्कूलों का पुरस्कार के लिए चयन उनके द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा।
• कार्यक्रम के भाग ए की पांच अनिवार्य तथा 2 चयनात्मक गतिविधियां और भाग बी के निबंध को पूर्ण रूप से करने पर ही रिपोर्ट को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
• रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2017 है।
• यह रिपोर्ट विषय जल अंतर्गत पर्यावरण मित्र पुरस्कार 2017 के लिए मान्य होगी।
रिपोर्ट के बारे में
• रिपोर्ट अंग्रेजी या हिन्दी में जमा की जा सकती है।
• रिपोर्ट बनाने हेतु सुझाव कार्यक्रम विवरणिका (ब्रोषर) और गतिविधि पुस्तक में दिए गए हैं।
• रिपोर्ट में रचनात्मकता तथा विभिन्न प्रारूपों का प्रयोग भी किया जा सकता है।
• रिपोर्ट को 31 अक्टूबर 2017 के पहले डाक द्वारा अथवा ई मेल द्वारा भेजा जा सकता है।
• ईमेल के द्वारा भेजी जाने वाली रिपोर्ट word or pdf ( file size limit 2 mb) फाइल हो सकती है जिसके साथ केवल एक संलग्नक लगाया जा सकता है। संलग्नक के रूप में प्रस्तुतिकरण, विडियो आदि भेजा जा सकता है जिसे यू-ट्यूब अथवा यू सेन्ड इट के द्वारा लिंक भी दिया जा सकता है।
• राष्ट्रीय स्तर पर अर्थियन पुरस्कार हेतु मूल्यांकन मापदण्ड के आधार पर 10 सर्वश्रेष्ठ रिपोर्टों को चयनित किया जाएगा।
• यह रिपोर्ट विषय जल अंतर्गत पर्यावरण मित्र पुरस्कार 2017 के लिए मान्य होगी।
मूल्यांकन मापदण्ड
• रिपोर्ट में दिखाई गयी गतिविधियों को पूरा करने में यथार्थता तथा गतिविधियों से जुड़े आंकड़ो का संकलन और दूसरे प्रमाणों की उपलब्धता।
• गतिविधियों की रिपोर्टिंग में व्यापकता और रचनात्मकता एवं विभिन्न मुद्दों को देखने और उन्हें जोड़ने की योग्यता।
• आंकड़ों के प्रस्तुतिकरण के अतिरिक्त रिपोर्ट मंे दिखायी गई समस्या की सही समझ।
• दूसरे अन्य मुद्दों से जोड़कर टिकाऊ विकास को कैसे समझा गया है।
• क्या आपने भाग बी में लिए गए मुद्दों के विभिन्न पहलुओं को समझा है। इसे सोचें और सही तरीके से प्रस्तुत करें।
(उपरोक्त मानदण्ड केवल सूचक है व्यापक मापदण्ड नहीं। आप अपने ज्ञान और क्षमता के अनुसार व्यापक सोच के साथ कार्य करें व रिपोर्ट जमा करें।)
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